Writer Cop
Tuesday, March 28, 2017
बहुत
खूब
लिखते
हो
भाई
।
आप
पे
नाज़
है
हमें
।
छोटे
छोटे
टुकड़ों
को
जोड़
कर
न
जाने
कहाँ
ले
जाते
हो
और
क्या
कह
जाते
हो
।
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