Saturday, March 27, 2010

जाने वालों से राबता रखना

“जाने वालों से राबता रखना/दोस्तों रस्मे फातेहा रखना/घर क़ि जैसी भी तामीर हो उस में/रोने क़ि कुछ जगह रखना।”

निदा फाजली

(Keep them in mind and lament the loss of those who depart। Have a corner/chamber to weep your heart out when you build a house)।

NIDA FAZLI

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