Cities are made popular through popular media like films etc. Reference to the prevalent culture in the cities and towns helps in making them noticeable and famous. To popularize Chandigarh culture and make it famous as a trendy city besides its city-beautiful tag, you must have some songs attributable to it like as they have for all famous cities, focusing attention on their characteristic features.
जैसे की -आगरे का घागरा मंगवा दे मेरे सैन्याये वादिये कश्मीर तुझे मेरा सलाम है, तेरा ही नाम दूसरा जन्नत का नाम है,ये लखनऊ की सरज़मी, ये है बॉम्बे मेरी जान, जयपुर से निकली गाड़ी दिल्ली चले हल्ले हल्ले, दिल रुबा दिल्ली वाली, मेरा नाम है चमेली मैं हूँ मालिन अलबेली चली आयी मैं अकेली बीकानेर से, झुमका गिरा रे बरेली के बाज़ार में, हम हैं बनारसी बाबु, अन एवेनिंग इन पैरिस, मेरा जूता है जापानी, लन्दन से आया मैं बन ठन के,मेरे पिया गए रंगून वहां से किया है टेलीफून, काश्मीर की कलि हूँ मैं, धकम जल्लंधर पैंदे , और ,,दिल वालों की दिल्ली दिल्ली --But Chandigarh too has a recent song on it :चंडीगढ़ करे आशिकी मुंडा जट्टा दा जल्लंधारों आ के
जैसे की -आगरे का घागरा मंगवा दे मेरे सैन्याये वादिये कश्मीर तुझे मेरा सलाम है, तेरा ही नाम दूसरा जन्नत का नाम है,ये लखनऊ की सरज़मी, ये है बॉम्बे मेरी जान, जयपुर से निकली गाड़ी दिल्ली चले हल्ले हल्ले, दिल रुबा दिल्ली वाली, मेरा नाम है चमेली मैं हूँ मालिन अलबेली चली आयी मैं अकेली बीकानेर से, झुमका गिरा रे बरेली के बाज़ार में, हम हैं बनारसी बाबु, अन एवेनिंग इन पैरिस, मेरा जूता है जापानी, लन्दन से आया मैं बन ठन के,मेरे पिया गए रंगून वहां से किया है टेलीफून, काश्मीर की कलि हूँ मैं, धकम जल्लंधर पैंदे , और ,,दिल वालों की दिल्ली दिल्ली --But Chandigarh too has a recent song on it :चंडीगढ़ करे आशिकी मुंडा जट्टा दा जल्लंधारों आ के
2 comments:
Villages are ignored in today's films, older films made villages shine on the screen- with our values, culture, heritage, family bonding though Jiwan the negative role actor was always there to create ripples in the calm, simple and serene environment.
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